लोग क्यों रखते थे घर में शंख ?

आध्यात्मिक संस्कृति इतनी वैज्ञानिक है के इसके हर कार्य के पीछे अध्यात्मिक के साथ वैज्ञानिक पहलु छिपा हुआ है. जिसको आज विज्ञान भी सलाम करता है. हिन्दू धर्म में प्रत्येक मांगलिक कार्य के अवसर पर शंख बजाना अत्यंत पवित्र और शुभ फलदायी माना जाता है। शंख बजाने के धार्मिक एवं आध्यात्मिक लाभ तो ही हैं, साथ ही इसके अनेक वैज्ञानिक लाभ भी हैं, जो शंख बजाने वाले को अनायास ही प्राप्त हो जाते हैं। और कहते है अगर दिन की शुरुआत शंख की मधुर आवाज़ से हो तो दिन बहुत अच्छा जाता है .

वैसे भी शंख का इस्तेमाल हम अक्सर पूजा घरो में तो करते ही है और मंदिरो में तो इसकी आवाज़ सुनने को मिल ही जाती है . पर फिर भी शंख का जितना महत्व पहले था आज कल उतना नहीं है क्योंकि आज कल लोग कुछ ज्यादा ही आधुनिक हो गए . तो आपको बता दे अपनी इस आधुनिकता से आप खुद ही अपना नुकसान कर रहे है क्योंकि शंख को पूजा घर में रखना न केवल शुभ माना जाता है बल्कि शंख में रखे पानी का सही प्रयोग करने से आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी भी कई तरह के लाभ मिलते है.

आध्यात्मिक रूप से इसके कई फायदे होते है . तो चलिए हम आपको बताते है कि शंख और उसकी आवाज़ का हमारे जीवन में क्या महत्व है .

*शंख बजाने के वैज्ञानिक लाभ:*

*1. गर्भावस्था में होने वाली संतान को शंख के फायदे.*

यदि गर्भावस्था के समय माँ को शंख में जल भरकर पिलाया जाए, तो उसकी संतान को वाणी संबंधी कोई भी समस्या नहीं होती और वह संतान बोलने में तेज होती है। यदि शंख के जल से शालिग्राम को स्नान कराया और फिर उस जल को माँ को पिलाया जाए, तो उससे और भी अधिक लाभ होता है। चिकित्सकों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को शंख नहीं बजाना चाहिए, क्योंकि इससे उनके गर्भ पर दबाव पड़ता है।

*2. तोतला या हकलाकर बोलने वाले बच्चों के लिए शंख के लाभ.*

तोतला या हकलाकर बोलने वाले बच्चे यदि शंख में जल भरकर पिएँ और शंख बजाएं तो उनकी वाणी संबंधी समस्याएँ चमत्कारिक रूप से दूर हो जाती हैं।

*3. शंख के श्वांस रोगों में लाभ.*

शंख बजाने से फेफड़ों का व्यायाम होता है। पुराणों के अनुसार श्वास का रोगी नियमित शंख बजाकर इस रोग से मुक्ति पा सकता है|

*4. शंख ध्वनि जीवाणु और कीटाणु रोधी.*

1928 में बर्लिन विश्वविद्यालय में किए गए एक अनुसंधान के अनुसार शंख की ध्वनि जीवाणुओं-कीटाणुओं को नष्ट करने का सर्वोत्तम साधन है। शंखघोष गूँजने वाले स्थान पर दुष्टात्माएँ प्रवेश नहीं कर सकतीं। शंख में रखे जल में भी कीटाणुओं को नष्ट करने की अद्भुत शक्ति होती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार शंख में रखा जल छिड़कने से वातावरण शुद्ध होता है।

*5. शंख से वातावरण शुद्धिकरण*

शंखनाद से व्यक्ति का शरीर एवं उसके आसपास का वातावरण शुद्ध होता है और मन में सतोगुण का संचार होता है, जिससे सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। इससे शंख बजाने वाले के मस्तिष्क का प्रसुप्त तंत्र जागृत होता है, जो उसके व्यक्तित्व विकास में अत्यंत सहायक होता है।

*6. हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए शंख का प्रयोग.*

शंख में गंधक, फास्फोरस और कैल्शियम जैसे उपयोगी पदार्थ विद्यमान होते हैं। अतः ये स्वास्थ्यप्रद गुण उसमें रखे जल में भी आ जाते हैं। अतः शंख में रखा पानी पीना हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए बहुत लाभदायक है।

*7. शंख के अन्य लाभ.*

इसके अतिरिक्त, कास प्लीहा, यकृत और इंफ्लूएंजा नामक रोगों में भी शंख बजाना लाभदायक होता है। शंख बजाने से किडनी और जननांगों पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार शंखघोष से निकलने वाला *ॐ* का नाद मानसिक रोगों को दूर करने का चमत्कारिक उपाय है। इससे कुंडलिनी शक्ति के जागरण में भी सहायता मिलती है।

 

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